January 18, 2008

सोया था में चैन से

सोया था में चैन से
आवाज जो तेरी आई कहीं से
हवा के झोके की तरह आई तू हर तरफ से
होश मेरे तू उदा गई चुपके से
दीवाना बाना गई तू अपनी बातों से
चैन उदा गई मेरा तू अपनी हसी से
रुके न रुकी तू अपनी मुहब्बत से
बाज न आई तू लाख समजाने से
गलती थी मेरी, कैसे बताये आप से
आज गिर गया में सबकी नजरो से
और आप छोड़ चले मुझे आपकी शादी की खबर से
बर्बादी मुझे नजर आये अपनी हर सु से
क्या कहू में आप से
गलती थी मेरी, कैसे छुपाये ये सब से